EAT FRESH FOOD हम झूठा व बासी नही खाते ! अगली बार ये कहने से पहले सोचियेगा कुछ दिन पहले चाचा, एक मशहूर रेस्टोरेंट में ले गये। मैं अक़्सर बाहर खाना खाने से कतराता हूँ, किन्तु सामाजिक दबाव तले जाना पड़ा। आजकल पनीर खाना रईसी की निशानी है, इसलिए उन्होंने कुछ डिश पनीर की ऑर्डर की। प्लेट में रखे पनीर के अनियमित टुकड़े मुझे कुछ अजीब से लगे। ऐसा लगा की उन्हें कांट छांट कर पकाया है। मैंने वेटर से कुक को बुलाने के लिए कहा, कुक के आने पर मैंने उससे पूछा पनीर के टुकड़े अलग अलग आकार के व अलग रंगों के क्यों हैं तो उसने कहा ये स्पेशल डिश है।" मैंने कहा की मैँ एक और प्लेट पैक करवा कर ले जाना चाहता हूं लेकिन वो मुझे ये डिश बनाकर दिखाये। सारा रेस्टोरेंट अकबका गया... बहुत से लोग थे जो खाना रोककर मुझे देखने लगे... स्टाफ तरह तरह के बहाने करने लगा। आखिर वेटर ने पुलिस के डर से बताया की अक्सर लोग प्लेटों में खाना,सब्जी सलाद व रोटी इत्यादी छोड़ देते हैं। रसोई में वो फेंका नही जाता। पनीर व सब्जी के बड़े टुकड़ों को इकट्ठा कर दुबारा से सब्जी की शक्ल ...
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