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પોસ્ટ્સ

EAT-FRESH-FOOD

EAT FRESH FOOD    हम झूठा व बासी नही खाते ! अगली बार ये कहने से पहले सोचियेगा कुछ दिन पहले चाचा, एक मशहूर रेस्टोरेंट में ले गये। मैं अक़्सर बाहर खाना खाने से कतराता हूँ, किन्तु सामाजिक दबाव तले जाना पड़ा। आजकल पनीर खाना रईसी की निशानी है, इसलिए उन्होंने कुछ डिश पनीर की ऑर्डर की।  प्लेट में रखे पनीर के अनियमित टुकड़े मुझे कुछ अजीब से लगे। ऐसा लगा की उन्हें कांट छांट कर पकाया है। मैंने वेटर से कुक को बुलाने के लिए कहा, कुक के आने पर मैंने उससे पूछा पनीर के टुकड़े अलग अलग आकार के व अलग रंगों के क्यों हैं तो उसने कहा ये स्पेशल डिश है।" मैंने कहा की मैँ एक और प्लेट पैक करवा कर ले जाना चाहता हूं लेकिन वो मुझे ये डिश बनाकर दिखाये। सारा रेस्टोरेंट अकबका गया... बहुत से लोग थे जो खाना रोककर मुझे  देखने लगे... स्टाफ तरह तरह के बहाने करने लगा। आखिर वेटर ने पुलिस के डर से बताया की अक्सर लोग प्लेटों में खाना,सब्जी सलाद व रोटी इत्यादी छोड़ देते हैं। रसोई में वो फेंका नही जाता। पनीर व सब्जी के बड़े टुकड़ों को इकट्ठा कर दुबारा से सब्जी की शक्ल ...

Digital-camera-flashlight-use-careful

TRUE STORY . * Exactly to the users of the camera phone:  * a true story :  * "Trust Nangre Patil" (I.P.S) *           * "Mumbai Police" *  * If this message is a real time, ...  * plz. plz plz plz pllzzzz Read  * Digital Cameras flash light  * From "power" to your body,  Can I access .. ???  * Can be 100% ... !!!  * "This is a real event".  * First year of 19 years of age  * With children studying in engineering  * There is an incident happening.  * She died from Keshavani Hospital,  * Mumbai has been here.  * He is in the hospital  * Was registered.  * reason ...???????  * He had gone for a study tour of Amravati.  * Coming back with friends,  * The railway was waiting at the railway station.  * Too many "mobile and digital  * Group photos were being taken from the camera. ...

Think-before-eat-ice cream

Please think before eat of ice cream આઇસક્રીમ ખાવ પણ પહેલા આ વાંચો. Tink: મોટી મોટી કંપનીઓ આકષૉક આઉટલેટ ખોલી લોકોને આકર્ષિત કરે છે. પણ તેના બનવા પાછળ ઘણી એવી વાતો છે કે જાણ્યા પછી તમે ચોક્કસ બજારુ આઈસ્ક્રીમ ખાવાનું ટાળશો.  થોડા દિવસ પહેલા રત્નાગિરી ના મીરજ નાં એમઆઇડીસી મા  એક કલાયંટને મળવા અમે ગયા  હતા. મારા કલાયંટે મને બીજા એક વ્યક્તિ ને મેળવ્યા. એ વ્યક્તિ મુંબઇ મા નીતનવા આઇસક્રીમ અલગ અલગ ફલેવસ મા બનાવી અને  આઇસક્રીમ બનાવતી તમામ જાણીતી કંપનીઓ ને વેચે છે. હવે એ વ્યક્તિ ને મારા કલાયંટ સાથે આઉટલેટ શરૂ કરવુ હતુ. એ માટે એણે મને  પ્રોજેક્ટ રીપોર્ટ બનાવવા માટે કહ્યુ.  એમણે જે કંઈ પણ વાત કરી તે સાંભળીને મને આઘાત લાગ્યો.                                            તેમના કહેવા પ્રમાણે તેણે અનેક ફલેવસ ના આઇસક્રીમ બનાવી અન જુદી જુદી કંપનીઓ ને વેચ્યા છે. તેમણે કહ્યુ કે, " મે પેરુ અને ચોકલેટ આઇસક્રીમ ના ચાર ચાર ફલેવસ ના આઇસક્રીમ બનાવ્યા છે. જ...

गरुड पूराणकी सच्ची बातें

गरुड पूरान की सच्ची बातें  * ગરુડ પૂરાણ મુજબ ૧૦૦% સાચુ છે :  * મૃત્યુ બાદ શું થાય ? * મૃત્યુ બાદ જીવન છે ? * શું મૃત્યુ પીડા દાયક છે ? * પૂન:જન્મ કેવી રીતે થાય ? * મૃત્યુ પામ્યા બાદ જીવાત્મા ક્યાં જાય છે ? ■ આવાં  પ્રશ્નો આપણા મનમાં આવે ત્યારે જ આવે... જ્યારે - આપણા કોઈ સ્વજનનું મૃત્યુ થયું હોય ! ■ આવા સમયે આપણે વિચારીએ છીએ કે -  તે વ્યક્તિ સાથે આપણો સંબંધ પૂર્ણ થઈ ગયો ? ■ શું આપણે તે વ્યક્તિને ફરી કદી પણ નહીં મળી શકાય ? આપણા આ બધા પ્રશ્નોનો ઉત્તર -  આપણા પ્રાચીન 'ગરુડ - પૂરાણ' માંથી મળશે :- ચાલો આજે આપણે સરળ રીતે સમજવાનો પ્રયત્ન કરીએ... ■ મૃત્યું એક રસદાયી 'ક્રિયા' અથવા 'ઘટનાક્રમ' છે.  પૃથ્વી - ચક્રનું જોડાણ છુટવુ: ■ અંદાજે મૃત્યુના ૪ થી ૫ કલાક પૂર્વે -  પગના તળીયા ઠંડા પડવાની શરૂઆત થઈ જાય છે.  ■ આ લક્ષણો એમ સૂચવે છે કે -  પૃથ્વી - ચક્ર જે પગના તળીયે આવેલ છે, તે શરીરથી છૂટૂ પડી રહ્યું છે... ■ મૃત્યુના થોડા સમય પહેલાં પગનાં તળીયા  ઠંડા પડી જાય છે. ■ જ્યારે...

SUPRIM CORT

SUPRIM CORT  V/S ANUPAM KHER अभिनेता अनुपम खेर के तीखे सवाल सुनकर, सुप्रीम कोर्ट के "जजों" का माथा ठनका--.11 मई से, "तीन तलाक" के "मुद्दे" की, "सुनवाई" के लिए, "5 जज़ों की टीम बैठी थीं".......!सुनवाई के "पहले ही दिन" "कोर्ट" नें कहा था, कि :----अगर, "तीन तलाक" का "मामला" इस्लाम धर्म" का हुआ .....तो, उसमें हम दखल नही देंगे....इसपर बॉलीवुड "अभिनेता अनुपम खेर" नें "तीखे शब्दों का इस्तेमाल" करते हुए, कहा :--ठीक है, माई लॉर्ड, अगर आप- "धर्म" के मामले में "दखल" नही देना चाहते, तो :--जलीकट्टू, दही हांड़ी, गो हत्या, राम मंदिर जैसे :--- कई "हिंदुओ" के "मामले" हैं, जिसमें "आप" "बेझिझक दखल देते हैं".....।क्या - "हिंदू धर्म" आपको "धर्म नही लगता" ????? या फिर, "आप" मुसलमानों" की "धमकियों से डरते हैं"?????अगर आप "कुरान" में लिखे होनें से,"तीन तलाक" को...

NAMO NEWS OF SOCIAL MEDIA

NAMO NEWS OF SOCIAL MEDIA  अभी सरकार को बने हुए महीना भर भी नहीं बीता है कि.... सोशल मीडिया पर मोदी सरकार का विरोध शुरू हो गया है...! और, ये विरोध तथा आलोचना कोई विपक्षी दल नहीं या मुसरमान अथवा वामपंथी नहीं कर रहे हैं बल्कि.... हमारा हिन्दू समुदाय ही कर रहा है...! क्या ये स्थिति आपको थोड़ा अजीब नहीं लग रहा है ??? अगर आपको भी अजीब लग रहा है और आप कारण जानना चाहते हैं कि आगे पढ़ें... अथवा , आप अपने लिए लेख को समाप्त समझें...! असल में.... 2014 और 2019 के चुनाव में एक बहुत बड़ा अंतर है जिसकी तरफ़ किसी का ध्यान नहीं गया है...! लेकिन, प्रमुख राजनीतिक दलों और मुसरमानों की नजर में वो बात आ चुकी है.... इसीलिए, हर तरफ मरघट सी शांति छाई हुई है. हमेशा.... होने वाला EVM शोर नहीं है.... और, ना ही कहीं "असहिष्णुता का नाटक". असल में ये ""शांति"" नहीं है... बल्कि, अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है....! अगर आप नहीं जानते हैं तो जान लें कि..... कांग्रेस, SP, BSP , RJD जैसी पार्टियों ने..... अगले आदेश अपने प्रवक्ताओं को टीवी पर जाने या कोई भ...

Histry of kedarnath

Histry of Kedarnath ।। ॐ नमः शिविर ।। आश्चर्य चकित कर देने वाली प्रस्तुति क्या चार सो साल तक बर्फ में दबा रहा केदारनाथ मंदिर... अगर वैज्ञानिकों की मानें तो केदारनाथ का मंदिर 400 साल तक बर्फ में दबा रहा था, लेकिन फिर भी वह सुरक्षित बचा रहा। 13वीं से 17वीं शताब्दी तक यानी 400 साल तक एक छोटा हिमयुग (Little Ice Age) आया था जिसमें हिमालय का एक बड़ा क्षेत्र बर्फ के अंदर दब गया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक केदारनाथ मंदिर 400 साल तक बर्फ में दबा रहा फिर भी इस मंदिर को कुछ नहीं हुआ, इसलिए वैज्ञानिक इस बात से हैरान नहीं है कि ताजा जल प्रलय में यह मंदिर बच गया। देहरादून के वाडिया इंस्टीट्यूट के हिमालयन जियोलॉजिकल वैज्ञानिक विजय जोशी ने कहा कि 400 साल तक केदारनाथ के मंदिर के बर्फ के अंदर दबे रहने के बावजूद यह मंदिर सुरक्षित रहा, लेकिन वह बर्फ जब पीछे हटी तो उसके हटने के निशान मंदिर में मौजूद हैं जिसकी वैज्ञानिकों ने स्टडी की है उसके आधार पर ही यह निष्कर्ष निकाला गया है। जोशी कहते हैं कि 13वीं से 17वीं शताब्दी तक यानी 400 साल तक एक छोटा हिमयुग आया था जिसमें हिमालय का एक ...