NAMO NEWS
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अभी सरकार को बने हुए महीना भर भी नहीं बीता है कि.... सोशल मीडिया पर मोदी सरकार का विरोध शुरू हो गया है...!
और, ये विरोध तथा आलोचना कोई विपक्षी दल नहीं या मुसरमान अथवा वामपंथी नहीं कर रहे हैं बल्कि.... हमारा हिन्दू समुदाय ही कर रहा है...!
क्या ये स्थिति आपको थोड़ा अजीब नहीं लग रहा है ???
अगर आपको भी अजीब लग रहा है और आप कारण जानना चाहते हैं कि आगे पढ़ें... अथवा , आप अपने लिए लेख को समाप्त समझें...!
असल में.... 2014 और 2019 के चुनाव में एक बहुत बड़ा अंतर है जिसकी तरफ़ किसी का ध्यान नहीं गया है...!
लेकिन, प्रमुख राजनीतिक दलों और मुसरमानों की नजर में वो बात आ चुकी है.... इसीलिए, हर तरफ मरघट सी शांति छाई हुई है.
हमेशा.... होने वाला EVM शोर नहीं है.... और, ना ही कहीं "असहिष्णुता का नाटक".
असल में ये ""शांति"" नहीं है... बल्कि, अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है....!
अगर आप नहीं जानते हैं तो जान लें कि..... कांग्रेस, SP, BSP , RJD जैसी पार्टियों ने..... अगले आदेश अपने प्रवक्ताओं को टीवी पर जाने या कोई भी बयान देने से रोक दिया है.
आखिर ऐसा क्या हो गया 2019 के इस चुनाव में.... जो अचानक से ऐसी खामोशी छा गई है ???
असल में हुआ ये है कि..... 2014 में मोदी की जीत को सभी लोगों ने हल्के में लिया था .... और, उन्हें लगा कि ये ..... गलती से एक बार जीत गया...!
इसीलिए.... उन्हें परेशान करने के लिए.... कभी अवार्ड वापसी, तो कभी असहिष्णुता और कभी EVM जैसे नाटक रचे गए... ताकि, मोदी सरकार को बैकफुट पर धकेला जा सके.
क्योंकि , इस बात का पक्का भरोसा था कि.... अपनी जाति के साथ मुस्लिमों का गठजोड़ करके वे चुनाव जरूर जीत लेंगे.
साथ ही.... उन्हें इस बात का पूरा यकीन था कि.... जातिवाद का जो जहर उन्होंने 70 सालों से बोया है... वो इतनी जल्दी खत्म हो ही नहीं सकता है.
सिर्फ इतना ही नहीं.... मुसरमानों को भी ये कॉन्फिडेंस था कि वे बेहद मजबूत हैं और.... उनके बिना हिंदुस्तान में सरकार बन ही नहीं सकती है.
लेकिन.... 2019 के चुनाव उन सभी के लिए किसी सदमे से कम नहीं रहा...!
हिंदुओं ने जातिवाद के जहर को भुला कर वोट किया...
और.... मोदी-शाह की जोड़ी ने.... मुसरमानों को किनारे रखते हुए भी.... पूर्ण बहुमत लाकर दिखा दिया...!
सीधे शब्दों में कहूँ तो..... मोदी-शाह की जोड़ी ने मुसरमानों को उनकी औकात दिखा दी कि.... भारतीय परिदृश्य में चुनाव जीतने के लिए.... तुम चूतियो की दाढ़ी सहलाना जरूरी नहीं है...!
इस बात ने .... सभी को थर्रा दिया.
और... सभी मुसरमानों , वामपंथियों और तथाकथित सेक्युलर पार्टियों को ये समझ आ गया कि....
जब तक ""हिन्दू एकजुट"" हैं तबतक ....मोदी को हरा पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है...!
और.... अब हिंदुस्तान को ""हिन्दु राष्ट्र"" बनने से कोई नहीं रोक सकता.
इसी के साथ.... प्लान B पर काम शुरू हुआ...!
कैम्ब्रिज अलंटिका , अर्बन नक्सल , देशी विदेशी प्लानर ने इस पूरे चुनाव का स्टडी किया ....!
और.... उन्होंने ये महसूस किया कि.... मुस्लिमों और सेक्युलरों द्वारा मोदी को गाली देना घातक रहा क्योंकि इससे हिंदुओं में एकजुटता आ गई.
जातिवाद में बंटे हिंदुओं को.... मुसरमानों की आक्रामकता ने एकजुट कर दिया... जो, मोदी के इस प्रचंड जीत का प्रमुख कारण रहा.
इसीलिए.... जब तक हिंदुओ को विभाजित नहीं किया जाएगा तबतक मोदी और बीजेपी अजेय रहेगी और... हिंदुस्तान "हिन्दुराष्ट्र" बन जायेगा...!
तो अब उन्होंने किया ये कि..... हिंदुओं की ""सबसे बड़ी मजबूती को कमजोरी में बदल दो""...
इसके लिए उन्होंने फिर से मुस्लिमों को ही हथियार बनाया...!
असल में.... हिंदुओं ने मुस्लिमों और मुस्लिम तुष्टिकरण से तंग आकर मोदी को वोट किया है.
इसीलिए.... प्लान ये हुआ कि.... अगर मोदी को .... मुस्लिम परस्त , अत्यधिक सेक्युलर या मुस्लिम तुष्टिकरण में लिप्त साबित कर दिया जाए तो..... हिंदुओं का एक बड़ा वर्ग मोदी से विमुख हो जाएगा...!
और, मोदी का अभेद्य किला ढह जाएगा...!
फिर .... काम शुरू हुआ अर्बन नक्सल, कैम्ब्रिज अलंटिका और वामपंथी झुकाव वाले मीडिया का ...
उन्हें ये मालूम था कि.... सोशल मीडिया बहुत ताकतवर है और सोशल मीडिया पर हिंदूवादी लोगों का कब्जा है...!
लेकिन.... सोशल मीडिया पर मौजूद हिंदूवादी जमात की एक सबसे बड़ी बुराई ये है कि ये ""भेड़चाल"" में चलते हैं और इनकी सियारों सी प्रवृति है.
अगर.... किसी एक ने हुवाँ किया तो... बिना सच्चाई समझे और तथ्य को परखे ही..... बाकी सब लोग उसे देखकर हुवाँ-हुवाँ करते लगते हैं...!
इसे टेस्ट किया गया.... "जेसीबी" वाले मैटर से....!
एक फालतू से मैसेज को इस तरह वायरल किया गया कि.... बड़े -बड़े मठाधीशों को भी सिर्फ जेसीबी ही नजर आने लगा ....
लोग लिख तो रहे थे जेसीबी पर.... लेकिन , किसी को ये मालूम नहीं था कि आखिर वे लिख क्या रहे हैं और लिख क्यों रहे हैं.
इस तरह.... उनकी ये टेस्टिंग पूरी तरह सफल रही...!
फिर समय आया ... असली काम का....
इस बार.... मोदी द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण का शिगूफा उछाला गया.... क्योंकि, उन्हें ये मालूम था कि.... सोशल मीडिया के देशभक्त और हिंदूवादी लोग.... मुस्लिम तुष्टिकरण की बात सुनते ही बिदक जाएंगे और अपने ही नेता को ग़ालियाँ देना शुरू कर देंगे...!
और.... "भेड़चाल" के कारण बहुत ही जल्द ये पूरे सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगेगा...!
इसके लिए... उन्होंने चुन-चुन कर मुस्लिमों के लिए किए गए कार्य को हाइलाइट किया और हिंदुओं के लिए किए जा रहे कामों को छुपा दिया.
कहीं... ये राज... फाश न हो जाए और लोगों को इस शातिराना खेल का पता न चल जाए....
इसके लिए उन्होंने.... सभी प्रमुख पार्टियों के प्रवक्ताओं को टीवी या संचार माध्यमों के संपर्क में जाने पर रोक लगा दी.
सभी मुस्लिम नेताओं को चुप रहने के हिदायत दिए गए...!
कहने का मतलब कि.... दुश्मनों और हर उस एलिमेंट को सामने से हटा दिया गया .... जिससे हिंदुओं को एकजुट होने का मौका मिलता था....!
वंदे मातरम्
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